नीरज चोपडा ने रचा इतिहास तो PM मोदी ने भी दी बधाई, ऐसा करने वाले दुनिया के तीसरे खिलाड़ी बने

एक बार फिर भारत माता के लाल नीरज चोपड़ा (Neeraj Chaupra) ने इतिहास रचा है, उन्होंने ये नया कारनामा करके देशवासियों का सिर गर्व से ऊंचा किया है. भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने 16 मई 2025 को दोहा डायमंड लीग में 90.23 मीटर की दूरी तक भाला फेंककर नया रिकॉर्ड स्थापित किया। हालांकि अपना सर्वश्रेष्ठ देने का बाद भी वो स्वर्ण पदक नहीं जीत सके, नीरज को सिल्वर से संतोष करना पड़ा, गोल्ड जर्मनी के जूलियन वेबर ने 91.06 मीटर भाला फेंक कर हासिल किया. लेकिन यह उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है और इस उपलब्धि के साथ वह 90 मीटर का आंकड़ा पार करने वाले तीसरे विश्वस्तरीय एथलीट बन गए हैं। इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद, भारतीय सेना ने उन्हें मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक प्रदान की है।

 

अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा

बता दें कि इससे पहले नीरज ने दोहा में आयोजित डायमंड लीग (Doha Diamond League 2025) में अपने पहले ही प्रयास में 88.67 मीटर तक फेंका था, जबकि दूसरी बार में नीरज चोपड़ा ने 90.23 मीटर की दूरी तय कर दी, जिससे उन्होंने न केवल अपनी व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड को तोड़ा, बल्कि 90 मीटर का आंकड़ा पार करने वाले तीसरे एथलीट भी बन गए। इससे पहले, केवल चेक गणराज्य के जैकुब वादलेज्च और पाकिस्तान के अरशद नदीम ही इस मील के पत्थर को पार कर पाए थे।

 

 

सेना ने दिया है सम्मान

 

नीरज चोपड़ा की इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद, भारतीय सेना (Indian Army) ने उन्हें मानद लेफ्टिनेंट कर्नल (Lieutenant Colonel) की रैंक प्रदान की है। यह सम्मान उन्हें उनके उत्कृष्ट खेल प्रदर्शन और देश के प्रति उनके योगदान के लिए दिया गया है। इससे पहले, उन्हें 2022 में पद्मश्री और 2024 में पद्मभूषण जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं।

 

पीएम मोदी ने भी दी बधाई

 

नीरज चोपड़ा की इस उपलब्धि के बाद, सोशल मीडिया पर उन्हें बधाइयों का तांता लग गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, और अन्य नेताओं ने उन्हें इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई दी है। इसके अलावा, उनके प्रशंसकों और खेल विशेषज्ञों ने भी उनकी सराहना की है।

 

भविष्य की उम्मीदें

 

नीरज चोपड़ा की यह उपलब्धि भारतीय एथलेटिक्स के लिए मील का पत्थर साबित हुई है। अब उनकी नजरें आगामी ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं पर हैं, जहां वह और भी बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद रखते हैं। उनकी इस उपलब्धि से भारतीय एथलेटिक्स को नई दिशा मिली है और आने वाले समय में उनसे और भी बड़ी उम्मीदें जुड़ी हैं।