पुराना भंगार व्यापारी अब करोड़ों का आसामी, श्री सिंथेटिक्स कि चोरी भी भंगार में शामिल
दाग साफ करने के लिए ओड़ा कॉलोनाइजर व होटल मालिक का चोला
अब भंगार कि जगह शासकीय भूमि बेचकर मुंबई और दुबई में बड़े पैमाने पर कर रहा व्यापार
उज्जैन। पुराने शहर के बड़े साहब कि गलियों में रहने वाला भंगार व्यापारी इन दिनों अंतरष्ट्रीय स्तर पर अपने व्यापार को बड़ा रहा हैं। अगर आप इसके पिछले जीवन मे झांके तो यह सड़कों पर अटाला खरीदने व बेचने का कार्य करता था, जिसमे चोरी के सामान भी खरीदना इनके व्यापार मे शामिल था जिसमे शहर के सबसे बड़े उद्योग को भी इसने चोरी करवा कर बेच दिया, जिसके खरीददार मध्यप्रदेश और गुजरात के व्यापारी थे, हालांकि पुरे कांड में मेहंदी कलर के सिपाही जो कुछ उज्जैन और इंदौर में शामिल हैं के साथ सफ़ेद पोश नेता भी थे जिनका चिटठा भी जल्द प्रकाशित किया जायेगा। मामले में इस भंगार व्यापारी ने चोरी के माल कि खरीदी बिक्री में करोड़ों का मुनाफा कमाया और ब्रांडेड शराब इम्परियल को खरीद आज तक सेवन कर रहा हैं। जब सब मामले उजागर होने लगे तो इसने कॉलोनाइजर का चोला ओढ़ लिया और उसमे भी चोरी का काम चालू कर दिया।
अब आप बोलेंगे कि चोरी कैसे तो बता दें कि पुरे घटना क्रम में जब भंगार ने कॉलोनाइजर का चोला ओढ़ा तो इसने निजी भूमि खरीद जो कि सीलिंग में दर्ज होकर शासकीय घोषित थी पर कॉलोनीया निर्माण कर दी वही पास कि शासकीय भूमि पर भी भंगार ने भूखंड काट विक्रय कर दिए हाल ही में कुछ समय पूर्व इसकी शिकायत प्रशासनिक संकुल में हुई थी जहाँ एक होनहार नप्ति करता ने शासकीय भूमि को रिक्त बता कर झुठी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी अब मामले में केंद्रीय जाँच एजेंसी को शिकायत हुई हैं जिसमें नप्ति करता और भंगार का पूर्ण हिसाब किया जायेगा, यदि जाँच ईमान से कि गई तो इपीरियल का नशा भी अपने आप उतर जायेगा।
आगामी प्रकाशन में भंगार कि चित्रित कहानी जिसमे आप पाठको को प्रमाण के साथ दिखाने का प्रयास किया जायेगा, और मेहंदी कलर वाले मजदूर भी आप पाठकों को कहानी में दिखेंगे।